नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2022 है। ऐसे में अगर आपसे आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन मिस हो जाती है, तो 10,000 रुपये की पेनल्टी देनी होती है। हालांकि, यह पेनल्टी सभी को देनी नहीं होती है। आयकर कानून के मुताबिक, अगर आपकी सालाना आय आयकर छूट सीमा से अधिक नहीं है तो देरी से आईटीआर फाइल करने पर भी जुर्माना नहीं देना होगा। नई व्यवस्था के तहत बेसिक आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है। इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है। वहीं, ओल्ड टैक्स नियम में 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए बेसिक छूट लिमिट 2.5 लाख रुपये, 60 से 80 साल के उम्र के टैक्सपेयर के लिए 3 लाख रुपये और 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपये है।

धारा 234F के तहत कोई विलंब शुल्क नहीं

टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर सालाना आय बेसिक छूट सीमा से अधिक नहीं है तो समय सीमा के बाद दायर आईटीआर पर धारा 234एफ के तहत कोई विलंब शुल्क नहीं देना होता है। वर्तमान कर कानूनों के अनुसार, किसी व्यक्ति के लिए लागू मूल कर छूट सीमा उसके द्वारा चुनी गई कर व्यवस्था पर निर्भर करती है। यदि कोई व्यक्ति नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनता है, तो उसकी उम्र के बावजूद मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये होगी।

नियम को लेकर कुछ अपवाद भी

  1. अगर एक व्यक्ति ने किसी बैंक या सहकारी बैंक में एक या एक से ज्यादा खाते में 1 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा जमा किए हैं तो उसे रिटर्न फाइल करना होगा।
  2. अगर किसी व्यक्ति ने विदेश यात्रा पर 2 लाख या उससे ज्यादा खर्च किए हैं। यह नियम उस वक्त भी लागू होगा जब विदेश यात्रा पर किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा पैसे खर्च किए गए हों तो उसकी आय छूट में शामिल होने पर भी रिटर्न दाखिल करना होगा।
  3. बिजली की खपत पर एक लाख या उससे ज्यादा खर्च करने वाले व्यक्ति को रिटर्न दाखिना करना जरूरी है।
  4. अगर कोई टैक्सपेयर किसी विदेशी संपत्ति का मालिक है, जैसे किसी विदेशी कंपनी का स्टॉक होल्डर तो उसे भी रिटर्न फाइल करना जरूरी है।

स्रोत- डब्ल्यू टी