नई दिल्ली। भारतीय युवाओं को जल्द ही कनाडा में पढ़ाई और नौकरी के अधिक मौके मिलेंगे। भारत और कनाडा ने कुशल कामगारों, पेशेवरों और छात्रों की आवाजाही को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमति जतायी है। दोनों देश यह मानते हैं कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निर्यात संवर्धन, लघु उद्यम तथा आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी के बीच बैठक के बाद संयुक्त बयान में यह कहा गया। दोनों नेताओं ने व्यापक व्यापार समझौते के महत्व पर जोर दिया। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों ने 2022 में व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू की थी। लक्ष्य को हासिल करने के मकसद से व्यापार समझौते पर शुरूआती प्रगति (ईपीटीए) पर बातचीत जारी है और इस पर कई दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है।

व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते की दिशा में ईपीटीए शुरूआती कदम है। व्यापार समझौते पर शुरूआती प्रगति के तहत अन्य बातों के अलावा वस्तुओं, सेवाओं, निवेश, व्यापार के समक्ष तकनीकी बाधाएं और विवाद समाधान शामिल हैं। दोनों मंत्रियों की यह बैठक व्यापार और निवेश पर भारत-कनाडा मंत्री स्तरीय बातचीत के तहत हुई। गोयल बैठक के लिये कनाडा में थे।

बयान के अनुसार, ‘‘मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बड़ी संख्या में पेशेवरों, कुशल श्रमिकों, छात्रों तथा कारोबारियों की यात्रा और द्विपक्ष्रीय आर्थिक भागीदारी बढ़ाने में इनके महत्वपूर्ण योगदान पर गौर किया। इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने पलायन और आवाजाही पर बातचीत बढ़ाने पर सहमति जतायी।’’ इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने उपयुक्त व्यवस्था के जरिये द्विपक्षीय नवोन्मेष परिवेश को मजबूत करने के तरीकों पर बातचीत जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।

बयान के अनुसार दोनों मंत्रियों ने महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर सरकार के स्तर पर तालमेल के महत्व पर सहमति जतायी। भारत में लिथियम, टाइटेनियम, वैनेडियम, कोबाल्ट, निकल और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की भारी मांग है। इसका कारण देश में 2030 तक बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। इसके अलावा, दोनों देशों ने कृषि वस्तुओं, रसायन, हरित प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा, वाहन, स्वच्छ ऊर्जा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।

भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 3.8 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि 2021-22 में यह 3.76 अरब डॉलर था। कनाडा से आयात 2022-23 के पहले 11 महीनों में 3.77 अरब डॉलर रहा जो 2021-22 में 3.2 अरब डॉलर था।